📜

२३. रागपेय्यालं

२३७. ‘‘रागस्स , भिक्खवे, अभिञ्ञाय दस धम्मा भावेतब्बा. कतमे दस? असुभसञ्ञा, मरणसञ्ञा, आहारे पटिकूलसञ्ञा, सब्बलोके अनभिरतसञ्ञा, अनिच्चसञ्ञा, अनिच्चे दुक्खसञ्ञा, दुक्खे अनत्तसञ्ञा, पहानसञ्ञा, विरागसञ्ञा, निरोधसञ्ञा – रागस्स, भिक्खवे, अभिञ्ञाय इमे दस धम्मा भावेतब्बा’’ति.

२३८. ‘‘रागस्स , भिक्खवे, अभिञ्ञाय दस धम्मा भावेतब्बा. कतमे दस? अनिच्चसञ्ञा, अनत्तसञ्ञा, आहारे पटिकूलसञ्ञा, सब्बलोके अनभिरतसञ्ञा, अट्ठिकसञ्ञा, पुळवकसञ्ञा [पुलवकसञ्ञा (सी.) पुळुवकसञ्ञा (क.)], विनीलकसञ्ञा, विपुब्बकसञ्ञा, विच्छिद्दकसञ्ञा, उद्धुमातकसञ्ञा – रागस्स, भिक्खवे, अभिञ्ञाय इमे दस धम्मा भावेतब्बा’’ति.

२३९. ‘‘रागस्स, भिक्खवे, अभिञ्ञाय दस धम्मा भावेतब्बा. कतमे दस ? सम्मादिट्ठि, सम्मासङ्कप्पो, सम्मावाचा, सम्माकम्मन्तो, सम्माआजीवो, सम्मावायामो, सम्मासति, सम्मासमाधि, सम्माञाणं, सम्माविमुत्ति – रागस्स, भिक्खवे, अभिञ्ञाय इमे दस धम्मा भावेतब्बा’’ति.

२४०-२६६. ‘‘रागस्स, भिक्खवे, परिञ्ञाय…पे… परिक्खयाय… पहानाय… खयाय… वयाय… विरागाय… निरोधाय… ( ) [(उपसमाय) (सी. स्या. पी.) अञ्ञेसं पन निपातानं परियोसाने इदं पदं न दिस्सति] चागाय… पटिनिस्सग्गाय…पे… इमे दस धम्मा भावेतब्बा.

२६७-७४६. ‘‘दोसस्स …पे… मोहस्स… कोधस्स… उपनाहस्स… मक्खस्स… पळासस्स… इस्साय… मच्छरियस्स… मायाय… साठेय्यस्स… थम्भस्स… सारम्भस्स… मानस्स… अतिमानस्स… मदस्स… पमादस्स परिञ्ञाय…पे… परिक्खयाय… पहानाय … खयाय… वयाय… विरागाय… निरोधाय… ( ) [(उपसमाय) (सी. स्या. पी.) अञ्ञेसं पन निपातानं परियोसाने इदं पदं न दिस्सति] चागाय… पटिनिस्सग्गाय…पे… इमे दस धम्मा भावेतब्बा’’ति.

रागपेय्यालं निट्ठितं.

दसकनिपातपाळि निट्ठिता.